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Sunday, November 6, 2011

आडवाणी के बगल में नहीं बैठे मोदी?

 बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा गुजरात पहुंची तो मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोरदार स्वागत किया। यहां तक कि आडवाणी पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए लेकिन संबंधों में वह गर्मजोशी नहीं दिखी जो पहले हुआ करती थी। मोदी ने आडवाणी को माला पहनाई पर दोनों को एक बार भी बात करते नहीं देखा गया। मंच पर भी मोदी आडवाणी के बगल में रखी सिंहासन सरीखी कुर्सी पर बैठने की बजाय एक कुर्सी छोड़कर बैठे। घटनाक्रम पर नजर रखने वालों ने दोनों के बीच मनमुटाव पूरी तरह से खत्म न होने की आशंका व्यक्त की है। अपने भाषण के दौरान मोदी ने कहा, ' कांग्रेस कहती है कि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर असहाय है, लेकिन हम कहते हैं यह उसकी बेबसी है, हमारी नहीं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी, चाहे यह अन्ना हजारे, बाबा रामदेव या आडवाणी जी, किसी के जरिये हो। भ्रष्ट सरकार को सत्ता छोड़नी होगी।' आडवाणी ने सुशासन और गुजरात को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मोदी की तारीफ की। गौरतलब है कि आडवाणी के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर देशव्यापी यात्रा के ऐलान से बीजेपी में हलचल मच गई थी। इसके बाद मोदी ने तीन दिनी सद्भावना उपवास पर बैठने का ऐलान किया था, जिसे विश्लेषकों ने आडवाणी की योजना के जवाब में उठाए गए कदम के रूप में देखा था।

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